हर दस साल में आमतौर पर सैलरी आयोग (Pay Commission) की बैठक आयोजित की जाती है जिसमें देश की अर्थव्यवस्था महंगाई और जीवनयापन की लागत को ध्यान में रखते हुए वेतन और भत्तों में बदलाव किया जाता है इस बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलने वाले भत्तों में संशोधन करने पर भी चर्चा होती है जिससे उनकी आय में सुधार हो सके।

अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी खासी बढ़ोतरी हो सकती है मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस वेतन वृद्धि से करीब 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनधारक लाभान्वित हो सकते हैं यह बढ़ोतरी सरकारी नीतियों और बजट प्रावधानों पर निर्भर करेगी।
अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में हर महीने करीब 19,000 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलने की संभावना है। वेतन आयोग का मुख्य कार्य सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, पेंशन और भत्तों में आवश्यक संशोधन की सिफारिश करना होता है।
आमतौर पर यह आयोग हर 10 साल में गठित किया जाता है और देश की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और जीवन यापन की लागत को ध्यान में रखते हुए वेतन संरचना में बदलाव का प्रस्ताव देता है। उम्मीद की जा रही है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 या 2027 तक लागू की जा सकती हैं, जिससे सरकारी कर्मचारियों की आय में सुधार होगा और उनका वित्तीय संतुलन मजबूत हो सकेगा।
कितनी बढ़ सकती है कर्मचारियों की सैलरी
फिलहाल एक मध्य स्तर के कर्मचारी को हर साल करीब 1 लाख रुपये का वेतन प्राप्त होता है जो कि टैक्स कटौती से पहले का आंकड़ा है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि सरकार वेतन बजट के लिए 2.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित करती है तो कर्मचारियों की सैलरी बढ़कर 1,18,800 रुपये प्रति माह हो सकती है हालांकि यह आंकड़े अभी केवल अनुमानित हैं क्योंकि इस संबंध में सरकार द्वारा कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
8वां वेतन आयोग कब होगा लागू
अब तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में यह संभावना जताई जा रही है कि यह अप्रैल 2025 में लागू हो सकता है जबकि आयोग द्वारा लिए गए निर्णयों को जनवरी 2026 से अमल में लाया जा सकता है।
7वां वेतन आयोग कब लागू हुआ था
7वें वेतन आयोग के लिए सरकार ने 1.02 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था इसे आधिकारिक रूप से जनवरी 2016 में लागू किया गया था लेकिन सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसका सीधा लाभ जुलाई 2016 से मिलने लगा था इस आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने न्यूनतम बेसिक सैलरी को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था।